Monday, January 28, 2019

Best Ram Bhajan | Bhajman Ram Charan Sukhadayi by Anup Jalota with LYRICS

भज मन राम चरण सुखदाई

जिहि चरननसे निकसी सुरसरि संकर जटा समाई । जटासंकरी नाम परयो है, त्रिभुवन तारन आई ॥ जिन चरननकी चरनपादुका भरत रह्यो लव लाई । सोइ चरन केवट धोइ लीने तब हरि नाव चलाई ॥ सोइ चरन संत जन सेवत सदा रहत सुखदाई । सोइ चरन गौतमऋषि-नारी परसि परमपद पाई ॥ दंडकबन प्रभु पावन कीन्हो ऋषियन त्रास मिटाई । सोई प्रभु त्रिलोकके स्वामी कनक मृगा सँग धाई ॥ कपि सुग्रीव बंधु भय-ब्याकुल तिन जय छत्र फिराई । रिपु को अनुज बिभीषन निसिचर परसत लंका पाई ॥ सिव सनकादिक अरु ब्रह्मादिक सेष सहस मुख गाई । तुलसीदास मारुत-सुतकी प्रभु निज मुख करत बड़ाई ॥



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